हस्तकला या शिल्पकला
हस्तकला या शिल्पकला भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण अंग है, और इसे बढ़ावा देना हमारे छात्रों में रचनात्मकता और कलात्मक अभिव्यक्ति को विकसित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय क्र. 1, वायुसेना स्थल भुज, इस सांस्कृतिक कला को विशेष महत्व देता है। हमारे विद्यालय में शिल्पकला से संबंधित विभिन्न गतिविधियाँ और कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं, जो छात्रों को भारतीय हस्तकला की गहराईयों से परिचित कराती हैं।
हस्तकला में कपड़े पर कढ़ाई, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी की नक्काशी, धातु शिल्प और विभिन्न हस्तनिर्मित वस्तुएं शामिल होती हैं। यह कला न केवल भारतीय संस्कृति और इतिहास को संरक्षित करने का एक तरीका है, बल्कि यह छात्रों को आत्मनिर्भर बनने और कौशल विकास का अवसर भी प्रदान करती है।
हमारे विद्यालय में शिल्पकला की कक्षाओं के माध्यम से छात्रों को यह सिखाया जाता है कि कैसे पारंपरिक तकनीकों का उपयोग कर रचनात्मक वस्तुओं का निर्माण किया जा सकता है। इससे छात्रों में न केवल शिल्पकला के प्रति रुचि जाग्रत होती है, बल्कि वे अपने अंदर धैर्य, ध्यान और ध्यान केंद्रित करने की कला भी विकसित करते हैं। पीएम श्री विद्यालय का उद्देश्य शिल्पकला के माध्यम से भारतीय संस्कृति और कला को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है।